Bank Deposit: इस स्कीम में FD जैसा मिलेगा ब्याज, बचत खाते की तरह जब चाहें तब निकालें पैसा – ashokaonlinecenter


बैंक जमा: स्वीप-इन एफडी (Sweep-In FD) उन निवेशकों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है, जो फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) का ब्याज कमाने के साथ-साथ सेविंग अकाउंट जैसी तरलता चाहते हैं। यह सुविधा निवेशकों को उनके बचत खाते में अतिरिक्त धनराशि को एफडी में ट्रांसफर करने की अनुमति देती है।

स्वीप-इन एफडी कैसे काम करती है?

स्वीप-इन एफडी एक ऑटोमैटिक सेवा है, जो आपके बचत खाते में एक निश्चित थ्रेसहोल्ड लिमिट से अधिक राशि होने पर उसे फिक्स्ड डिपॉजिट में ट्रांसफर कर देती है। इसका मतलब है कि आपके बचत खाते में न्यूनतम राशि बनी रहती है, जबकि अतिरिक्त धन पर एफडी का ब्याज मिलता है।

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यह सुविधा उन लोगों के लिए खास तौर पर लाभकारी है, जिन्हें अपने पैसे तक इमरजेंसी में तुरंत पहुंच चाहिए।

थ्रेसहोल्ड लिमिट और अनुकूलन

इस सेवा का उपयोग करने के लिए पहले अपने अकाउंट की थ्रेसहोल्ड लिमिट तय करनी होती है। यह वह सीमा होती है, जिसके ऊपर का पैसा स्वतः एफडी में ट्रांसफर हो जाता है।

उदाहरण के लिए, यदि आपने ₹50,000 की थ्रेसहोल्ड लिमिट तय की है और आपके खाते में ₹70,000 हैं, तो ₹20,000 एफडी में ट्रांसफर हो जाएंगे।

स्वीप-इन एफडी की अवधि और निवेश

  • अवधि: स्वीप-इन एफडी की अवधि 1 से 5 साल के बीच होती है।
  • न्यूनतम निवेश: बैंक आमतौर पर ₹1,000 के मल्टीपल में राशि ट्रांसफर करते हैं। कुछ बैंक ₹1 से भी शुरुआत की अनुमति देते हैं।
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ब्याज दरें: बैंक के अनुसार विवरण

स्वीप-इन एफडी पर ब्याज दर सामान्य एफडी के समान होती है। यह निवेश की अवधि पर निर्भर करती है। विभिन्न बैंकों की ब्याज दरें इस प्रकार हैं:

  • एक्सिस बैंक: 5.75%-7.00%
  • एसबीआई: 4.75%-6.50%
  • एचडीएफसी बैंक: 4.50%-7.00%
  • पोस्ट ऑफ़िस: 6.90%-7.50%

पैसे निकालने के नियम

स्वीप-इन एफडी से राशि निकालते समय “लास्ट इन, फर्स्ट आउट” (LIFO) पद्धति का उपयोग किया जाता है। यानी, सबसे हालिया जमा की गई राशि पहले निकाली जाती है।

यह सुविधा बिना पेनल्टी के एफडी से राशि निकालने की अनुमति देती है। हालांकि, निकाली गई राशि पर ब्याज केवल उतने दिनों का दिया जाता है, जितने दिन वह एफडी में रहा हो।

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(सामान्य प्रश्न)

1. स्वीप-इन एफडी का उपयोग कौन कर सकता है?
वह व्यक्ति, जिसे अपनी बचत पर उच्च ब्याज और तरलता दोनों चाहिए।

2. क्या स्वीप-इन एफडी पर टैक्स लगता है?
हां, इसमें अर्जित ब्याज पर टैक्स लागू होता है।

3. क्या थ्रेसहोल्ड लिमिट को बदला जा सकता है?
हां, अकाउंट होल्डर इसे अपनी आवश्यकता के अनुसार कस्टमाइज कर सकता है।

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Ashok Nayak

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